परिजनों के साथ मिलकर स्वर्ण नगरी सेक्टर के लगभग 600 जरूरतमंदों को पिछले 1 माह से करा रहे है भोजन
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ग्रेनो, ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई परिस्थितियों में अनेको लोग जरूरतमंदों की मदद के लिये आगे आये है। उन्ही में से एक नाम है ओमप्रकाश अग्रवाल जो कि अग्रवाल समाज ग्रेटर नोएडा के संरक्षक सदस्य है।
लॉक डाउन घोषित होने के तुरंत बाद ओमप्रकाश अग्रवाल ने जरुरतमंदो की मदद करने के लिये सोचा। वो स्वर्ण नगरी में ही श्री आनंदपुर ट्रस्ट के माध्यम से निर्धन बच्चों के लिये निशुल्क स्कूल चला रहे है। उसी आश्रम में उन्होंने जरुरतमंदो के लिये किचिन चालू की। उन्होंने सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने के लिये सेक्टर में रह रहे लोगो की सूची तैयार की तथा सभी से कहाँ कि परिवार का एक सदस्य शाम 5 बजे घर से बर्तन लेकर आश्रम पर आ जाये और अपने सभी परिजनों के लिये वो ही भोजन ले जाये। लोगों ने उनकी बात को माना और नियमो का पालन करते हुए पिछले 1 माह से प्रतिदिन 600 से अधिक लोगो को भोजन उपलब्ध करा रहे है।*
*भोजन तैयार करने के लिये कारीगर नही मिलने पर उनके परिजनों व मित्रो ने पूरा सहयोग किया। खाना बनाने में उनकी पत्नी पूनम गुप्ता दोनो बेटे अमन और आकाश भांजे विनोद, सुनीता व साथी सुरेंद्र, श्वेता, कमल , पिंकेश, रमेश, राजू, तुषार, सिद्दार्थ, गौतम, शीनू , रानू भगत जी, गांधी भगत जी, ईश्वर व शम्भू पूरा साथ देते है।*
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ग्रेनो, ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई परिस्थितियों में अनेको लोग जरूरतमंदों की मदद के लिये आगे आये है। उन्ही में से एक नाम है ओमप्रकाश अग्रवाल जो कि अग्रवाल समाज ग्रेटर नोएडा के संरक्षक सदस्य है।
लॉक डाउन घोषित होने के तुरंत बाद ओमप्रकाश अग्रवाल ने जरुरतमंदो की मदद करने के लिये सोचा। वो स्वर्ण नगरी में ही श्री आनंदपुर ट्रस्ट के माध्यम से निर्धन बच्चों के लिये निशुल्क स्कूल चला रहे है। उसी आश्रम में उन्होंने जरुरतमंदो के लिये किचिन चालू की। उन्होंने सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने के लिये सेक्टर में रह रहे लोगो की सूची तैयार की तथा सभी से कहाँ कि परिवार का एक सदस्य शाम 5 बजे घर से बर्तन लेकर आश्रम पर आ जाये और अपने सभी परिजनों के लिये वो ही भोजन ले जाये। लोगों ने उनकी बात को माना और नियमो का पालन करते हुए पिछले 1 माह से प्रतिदिन 600 से अधिक लोगो को भोजन उपलब्ध करा रहे है।*
*भोजन तैयार करने के लिये कारीगर नही मिलने पर उनके परिजनों व मित्रो ने पूरा सहयोग किया। खाना बनाने में उनकी पत्नी पूनम गुप्ता दोनो बेटे अमन और आकाश भांजे विनोद, सुनीता व साथी सुरेंद्र, श्वेता, कमल , पिंकेश, रमेश, राजू, तुषार, सिद्दार्थ, गौतम, शीनू , रानू भगत जी, गांधी भगत जी, ईश्वर व शम्भू पूरा साथ देते है।*
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